चल एक नई शुरआत करते है
जानता हूं सब खत्म हो गया
एक बार फिर से मैं हार गया
आंखों में आज फिर आंसू है
आंसुओं को पोंछ फिर हंसते है
चल एक नई शुरुआत करते है
बस एक हार ही तो है
ये अंत तो नहीं है
क्यूं हम मायूस होकर बैठे है
देख कर लक्ष्य की तरफ
फिर उठ खड़े हो उठते है
चल एक बार फिर शुरुआत करते है
माना आसान तो नहीं है
पर हार कर बैठना भी समाधान नहीं है
उम्मीद की माला में
फिरसे मेहनत के मोती पिरोते है
चल एक बार फिर शुरुआत करते है
हार कर ही जीत जायेगा
ये ही इतिहास के पन्ने कहते है
विजय श्री भी उन्ही का अभिषेक करती हैं
जो हालात को हराने के लिए तत्पर रहते है
चल एक बार फिर शुरुआत करते है